यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस खजाने को राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित किया जाता है तो इसे रुपयों में बदलकर कश्मीर, बांग्लादेश और असम की सीमाओं को इलेक्ट्रानिक सर्वेलेंस वाली बाड़ लगाने, 100 ड्रोन (मानवरहित जासूसी विमान) खरीदने, सीमा पर तैनात सभी सैन्यकर्मियों के खाते में पन्द्रह-पन्द्रह हजार रुपये का बोनस देने, सभी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस दस्तों के जवानों के खाते में दस-दस हजार रुपये का बोनस देने, देश की सभी गौशालाओं को 1-1 लाख रुपये देने जैसे पवित्र कार्यों में खर्च किया जाये। इन खर्चों की निगरानी भी सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की समिति अथवा CVC करे…
नरेगा जैसी मूर्खतापूर्ण, भ्रष्टाचार तथा हरामखोरी को बढ़ावा देने वाली योजनाओं में लगाने अथवा सेकुलर-वामपंथी नागों से इस खजाने को बचाने के लिए, जोरशोर से यह माँग उठाई जाए।
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