जयपुर.विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने कहा है देश में हिंदू अगर अपने अधिकारों की बात करता है तो उसे सांप्रदायिक कहा जाता है, ऐसे में हिंदू एक गाली और अपराधी हो गया है।
मंगलवार को एक दिन की राजस्थान यात्रा के दौरान सिंघल यहां मीडिया से बातचीत कर रहे थे। वे अजमेर में होने वाली संगठन की बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि 2014 में राममंदिर का निर्माण होना तय है।
केंद्र सरकार के सलाहकार देश में ऐसा कानून लाने जा रहे है, जो हिंदुओं के खिलाफ होगा। प्रीवेंशन ऑफ कम्युनल एंड टारगेटेड वायलेंस नामक यह कानून दो वर्गो में बांटने वाला साबित होगा। इसमें एक वर्ग अल्पसंख्यक और ईसाइयों का होगा एवं दूसरा हिंदुओं का होगा।
इसमें अपराधी सिर्फ हिंदू ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि अपराधी किसी मजहब का नहीं होता। इस कानून के तहत जिसके खिलाफ मामला दर्ज कराया है, उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उसे पता ही नहीं चलेगा कि किसने मामला दर्ज कराया है।
सिंघल ने कहा कि मुस्लिम मजहब को मानने वालों को ओबीसी में 4.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि संविधान में मजहब के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान ही नहीं है। यह सिर्फ पांच राज्यों में हो रहे चुनाव को देखते हुए किया गया है। ओबीसी तो क्या किसी भी वर्ग में मजहब के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है। ऐसे में स्पष्ट है कि हिंदुओं के अधिकार समाप्त किए जा रहे हैं।
सिंघल ने कहा कि कोई भी हिंदू गोहत्या को बर्दाश्त नहीं करता, लेकिन 12 वीं पंचवर्षीय योजना में गौमांस के निर्यात पर जोर दिया गया है। इसके पीछे करोड़ों रुपए कमाने की बात कही गई है।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं के देश में राम की जन्म भूमि का निर्धारण करने के लिए 60 साल लग जाते हैं और वह भी कोर्ट तय करता है। इसे कोर्ट में नहीं, संसद में तय किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन तीनों विषयों पर प्रयाग में होने वाले कुंभ के मेले में विचार-विमर्श किया जाएगा और आंदोलन छेड़ने की रूपरेखा तय की जाएगी। यह आंदोलन वैसा ही होगा जैसा राममंदिर निर्माण के समय पर हर गांव गांव में लोग इससे जुड़ गए थे।
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