Tuesday, January 8, 2013

दुर्लभ संयोग, गंगा हुई पश्चिम वाहिनी


 महाकंुभ पर्व के लिए सुखद संयोग बन रहा है। गंगा की एक धारा का प्रवाह पश्चिम वाहिनी हो गया है। इससे गंगा-यमुना का संगम किला घाट के पास बन रहा है। पद्म पुराण के मुताबिक यह संयोग अत्यंत दुर्लभ है।

**  पश्चिम वाहिनी गंगा-यमुना के संगम में स्नान से एक कल्प के पाप नष्ट होते हैं। छतनाग से गंगा का प्रवाह दो भागों में बंट गया है। एक धारा अरैल में यमुना से मिल रही है। यहां बन रहे संगम के बाद गंगा का प्रवाह काशी की ओर मुड़ जा रहा है। दूसरी धारा उलटकर पश्चिम वाहिनी हो गई, जिसकी वजह से गंगा का मैदान काफी विस्तृत हो गया है। गंगा की यह धारा किले तक पहंुचने का प्रयास कर रही है।

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