(सांप्रदायिक आधार पर आरक्षण निरस्त कर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग)
नई दिल्ली दिसम्बर 29, 2011। विश्व हिन्दू परिषद के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त से भेंट कर यूपीए सरकार द्वारा हाल ही में घोषित आरक्षण को समाप्त कर धार्मिक आधार पर वोटरों को लुभाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आगामी विधान सभा के चुनावों से दूर रखने की मांग की है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, नव नियुक्त महा-मंत्री श्री चंपत राय तथा केन्द्रीय मंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने चुनाव आयुक्त से कहा है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने चुनाव घोषणा से ठीक पूर्व जिस प्रकार धार्मिक आधार पर वोटरों को लुभाने का अपराध किया है वह न सिर्फ़ संविधान के अनुच्छेद 15(1) व 16(2) में प्रतिबन्धित है बल्कि अनुच्छेद 15(4) व 16(4) का उल्लंघन भी है। विहिप पदाधिकारियों ने कहा कि इस आरक्षण से देश के एक और विभाजन की नींव रखी जाएगी। अत: इस सरकारी आदेश को अविलम्ब वापिस लिया जाए।
विहिप के प्रतिनिधि मण्डल ने चुनाव आयुक्त को उसके 1999 के आदेश का स्मरण भी कराया जिसके अन्तर्गत चुनाव आयोग ने शिव सेना प्रमुख श्री बाल ठाकरे को सन् 2005 तक के लिए चुनाव लडने और यहां तक कि उनको मताधिकार से भी वंचित कर दिया था।
विश्व हिन्दू परिषद ने चुनाव आयुक्त से कहा है कि यूपीए सरकार ने चुनाव घोषणा से ठीक दो दिन पूर्व ओबीसी के 27% आरक्षण में से साढे चार प्रतिशत अल्पसंख्यकों को देकर धार्मिक आधार पर वोटरों को लुभाने तथा देश के एक और विभाजन की नींव रखी है। अत: इस आदेश को न सिर्फ़ तुरन्त वापस लिया जाए बल्कि इसके कारण आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की दोषी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को आगामी चुनावों से अयोग्य घोषित किया जाए।
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