Tuesday, January 10, 2012

Seva Work at Tamilnadu by sangha swayamsevak (RSS)



अक्सर पूछा जाता है की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग करते क्या है...

अधिकांश लोग जिन्हें मीडियाजनित जानकारी से लगता है की वे सर्वग्याता हैं उनके लिये यह पोस्ट अत्यंत लाभदायक रहेगी ... आपको मीडिया नें बताया होगा की चैनई में "थाने" नामक तूफान नें अभी हाल में उत्पात मचाया था.. फिर आपको उसी मीडिया नें यह भी बताया होगा की तूफान हलका पड़ गया और कुछ खास हानीं नहीं हुयी.. 

अब इस चित्रावली को देखिये और समझिये की तूफान हलका हो या तेज,, नुक्सान तो पहुंचाता ही है.. राष्टीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवको नें तूफान के बाद तत्काल प्रभावित इलाकों में सर्वे किया और नुक्सान का अंदाज किया जिसमें सबसे बडी समस्या जो सामनें आयी वह थी की तूफान और बारिश के कारण बहुत से पेड़ गिर गये थे, सड़क पर लगे बिजली के खंबे भी तहस नहस हो गये थे और प्रारंभिक सहायता चैनई, कुड्डालोर और पुड्डूचेरी जिलों में सबसे ज्यादा बड़ी समस्या बिजली का नहीं होना है..! 

निश्चित ही आप में से कुछ मित्र यह प्रश्न करेंगे की ये स्वयंसेवक वहां कैसे पहुंच गये जब मैं यह बतानें वाला हूं की प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें खाराब होनें की वजह से नहीं पहुंच पा रहा था.. तो मैं बता दूं की संघ में स्वयंसेवकों के शिक्षा वर्ग (Training Sessions) होते हैं और पुड्डूचेरी विभाग में प्राथमिक वर्ग का समापन 31 दिसंबर को होना था,, जो इन प्राकृतिक आपदा में जनता की त्वरित सहायत करनें की मंशा के कारण दिनांक 30 दिसंबर को ही समाप्त कर दिया गया (साधारणतः यह असंभव होता है) और सभी स्वयंसेवकों को प्रभावित क्षेत्रों में जनता की सहायता हेतु भेजा गया.. 

समस्या बिजली के नहीं होनें की थी तो उसके लिये माचिस और मोम्बत्ती का इन्तजाम किया गया,, पानीं बहुत गिर चुका था तो मच्छरों का आतंक होना स्व्भाविक है - इसके समाधान के लिये मच्छर भगानें की अगरबत्ती का भी इन्तजाम आवश्य्क था जो किया गया,, और चूंकी बिजली नहीं थी इसलिये पीनें के पानीं की व्यवस्था अत्यंत आवश्य्क हो जाती है - उसका भी इन्तजाम किया गया... 

उक्त सभी वस्तुये पुड्डूचेरी के करीब 600 घरों मैं बांटी गयीं, आसपास के ग्रामींण क्षेत्रों जैसे विलियानुर, थिरुकन्नुर, कलपत्तु पंचायत क्षेत्रों में करीब 1000 घरों में उक्त सामग्री बांटी गयी.. 

सड़क पर पड़े हुये बिजली के खंबों को दुरुस्त किया गया, तूफान में गिरे पेड़ों को काट कर सड़क से हटाय गया ताकी सड़क मार्ग जल्दी खोला जा सके... 

आगे और पढिये की कुद्दलोर जिले में उक्त सामग्री के साथ साथ 3 किलों चांवल भी बांटा गया वन्डीपलयम और पुडुपलायम ग्रामों के करीब 1,200 घरों में यानीं करीब 3,600 किलो चांवल जनता में बांट दिया गया जो प्रशिक्षण शिविर के लिये लाया गया था.. 

आपको यहां यह भी बताना चाहूंगा की स्वयंसेवकों के साथ स्थानींय पार्षद भी जुट गये थे जिनके अपनें चचा का देहांत उसी तूफान की वजस से हो गया था.. एक अन्य पार्षद महोदय नें सार्वजनिक रूप से सभी जनता को बताया की जो भी राहत सामग्री उन्हें बांटी जा रही है वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा लायी गयी है ना की किसी सरकारी या अन्य NGO के द्वारा...!! 

करीब 50 स्वयंसेवकों की टोली पोंडी संघचालक श्री सेलवराज जी और सचिव श्री गुरु सुभ्रमनियन जी के नेतृत्व में चल रहे राहत कार्यों में सम्मिलित हुयी जो अभी तक चालू हैं..!! 

ऊत्तरी चैनई में सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र में करीब 100 लोगों के लिये लगातार दो दिनों तक खानें के पैकैट उपलब्ध करवाये गये .. !! 

प्राथमिक शिक्षा वर्ग 7 दिनों का होता है जिसमें स्वयंसेवकों को विभिन्न विषयों और शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है किन्तु इस प्राकृतिक आपदा के कारण उसे एक दिन पहले ही स्थगित कर सभी स्वयंसेवक परोपकार के कार्य में जुट गये जोकी सभी स्वयंसेवकों का सर्वोच्च कर्तव्य है... 

अब यदी आपको स्वयंसेवकों का यह कार्य अच्छा लगा हो तो आपसे मेरा सिर्फ यही निवेदन है की इस चित्रावली और संदेश को अपनीं वाल पर अवश्य साझा करे ताकी अधिक संख्या में जनता तक यह जानकारी पहुंचे क्योंकि हम मीडीया से बिल्कुल उम्मीद नहीं करते हैं की वह जनता के सामनें इस जानकारी को कभी पहुंचायेंगे...

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