Tuesday, May 28, 2013

पाकिस्तानी विद्वान मुबारक हैदर - " भारत की मुख्य धारा में शामिल हो भारतीय मुसलमान "


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सारी मुस्लिम दुनिया में conspiracy theories का बोलबाला
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अपनी असफलताओं के पीछे गैर मुस्लिमो को दोष ( conspiracy theories ) देने की प्रवृति घातक . सारीदुनिया के मुस्लिमो में ये बीमारी व्याप्त है .
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मुस्लिम सोच मुस्लिम पद्धतियाँ ही अच्छी शेष दुनिया जाहिल ' ऐसी आत्मश्लाघा से बाहर आएं मुस्लिम
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एक मिथ्याभ्रम (paranoia ) ने मुस्लिमो को घेर रखा है कि यदि सारे मुस्लिम एक हो जाए तो दुनिया को जीत सकते है .
बुद्धिजीवी कहलाने वाले मुस्लिम इस  paranoia को बढ़ावा देते आये है।
मुस्लिमो में आक्रामक आत्ममोह ( Aggressive Narcissism) है कि हमने हिन्दुओ को तहज़ीब  सिखाई अब पश्चिम को भी सिखायेंगे .
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अपने को मज़हबी और तहजीबी तौर पर सारी दुनिया से श्रेष्ठ समझने की मानसिकता है भारतीय प्रायद्वीप के मुस्लिमो में .
भारत के मुस्लिमो में भी ये बीमारी आम है . वो भारत की प्रगति ज्ञान और भारतीय समाज के साथ एकरस नहीं हो रहे है . जो शामिल हुए थे वो भी आहिस्ता - आहिस्ता हट रहे हैं .
भारत के मुस्लिमो में रिवाज़ है कि अपने 5 - 7  साल के छोटे - छोटे बच्चों को मस्जिद के बाहर हरी पगड़ी लगाकर खडा कर देते हैं और उन्हें कहते है कि खिलाफत के नारे लगाओ।ये वो ही Narcissism है .
- Arab Spring के सन्दर्भ में - अरब जगत Aggressive Narcissism के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है वो है paranoia . paranoia ये है कि  आप हर तरफ साज़िश देखते है फिर violent होते हैं फिर उससे लड़ते हैं .
अरब तानाशाहों के विरुद्ध जो जन लहर उठी है वो अल क़ाइदा और तालिबान जैसे संगठनो ने शुरू की थी ,लेकिन इस लहर को cash करने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इसे अपना सहयोग - समर्थन दिया है वो सोचते हैं कि इन तानाशाहों को हटाकर हम अल क़ाइदा जैसों को सत्ता में नहीं आने देंगे बल्कि मुस्लिम लोकतंत्र लाएंगे . ये उनका बहुत बड़ा वहम है . मुस्लिमों को लोकतंत्र की ओर नहीं लाया जा सकता जब तक कि मुस्लिम मानसिकता को ही परिवर्तित ना किया जाए .
लोकतंत्र एक प्रक्रिया ( process)  है ,जो वैचारिक परिवर्तन से  आती है . पूरा रवैया बदलता है तो लोकतंत्र आता है . 
-अभी तो मुस्लिम जगत में लोकतंत्र संभव नहीं दिखता .

-youtube 
पर देखें -
https://www.youtube.com/watch?v=WxBfcusJRP0&feature=youtube_gdata_player

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