अमेरिकीयूनिवर्सिटी में गीता पढ़ना हुआ जरूरी !
जो काम भारत मे होना था वो अमेरिका मे हो रहा है...
अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी (Seton Hall University) में सभी छात्रों के लिए गीता पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस यूनिवर्सिटी का मानना है कि छात्रों को सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के लिए गीता से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता है। लिहाजा उसने सभी विषयों के छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम के ...तहत इसकी स्टडी को जरूरीबना दिया है।
यूनिवर्सिटी केस्टिलमेन बिजनस स्कूल के प्रफेसर ए.डी. अमर ने यह जानकारी दी।यह यूनिवर्सिटी 1856 में न्यू जर्सी में स्थापित हुई थी और एक स्वायत्त कैथलिक यूनिवर्सिटी है।यूनिवर्सिटी के 10, 800 छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर ईसाई हैं।
इनमें भारतीय छात्रों की संख्या अच्छी- खासी है। गीता की स्टडी अनिवार्य बनाने इस फैसले के पीछे प्रफेसर अमर की प्रमुख भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम होता है, जिसकी स्टडी सभी विषयों के छात्रों को करनी होती है।2001 में यूनिवर्सिटी ने अलग पहचान कायम करने के लिए कोर कोर्स की शुरुआत की थी।इसमें छात्रों को सामाजिक सरोकारों और जिम्मेदारियों से रूबरू कराया जाता है।उन्होंने बताया कि इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है।गीता की अहमियत को समझते हुए यूनिवर्सिटी ने इसकी स्टडी अनिवार्य की।
हमारे संस्कार पाश्चत्य को पसंद आ गये पर हमारे देश में कब गीता का पाठ नियमित होगा......बोलो जय श्री राम ...जय श्री कृष्णा.....
जो काम भारत मे होना था वो अमेरिका मे हो रहा है...
अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी (Seton Hall University) में सभी छात्रों के लिए गीता पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस यूनिवर्सिटी का मानना है कि छात्रों को सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के लिए गीता से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता है। लिहाजा उसने सभी विषयों के छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम के ...तहत इसकी स्टडी को जरूरीबना दिया है।
यूनिवर्सिटी केस्टिलमेन बिजनस स्कूल के प्रफेसर ए.डी. अमर ने यह जानकारी दी।यह यूनिवर्सिटी 1856 में न्यू जर्सी में स्थापित हुई थी और एक स्वायत्त कैथलिक यूनिवर्सिटी है।यूनिवर्सिटी के 10, 800 छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर ईसाई हैं।
इनमें भारतीय छात्रों की संख्या अच्छी- खासी है। गीता की स्टडी अनिवार्य बनाने इस फैसले के पीछे प्रफेसर अमर की प्रमुख भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम होता है, जिसकी स्टडी सभी विषयों के छात्रों को करनी होती है।2001 में यूनिवर्सिटी ने अलग पहचान कायम करने के लिए कोर कोर्स की शुरुआत की थी।इसमें छात्रों को सामाजिक सरोकारों और जिम्मेदारियों से रूबरू कराया जाता है।उन्होंने बताया कि इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है।गीता की अहमियत को समझते हुए यूनिवर्सिटी ने इसकी स्टडी अनिवार्य की।
हमारे संस्कार पाश्चत्य को पसंद आ गये पर हमारे देश में कब गीता का पाठ नियमित होगा......बोलो जय श्री राम ...जय श्री कृष्णा.....
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