Tuesday, July 24, 2012

Slogan For Kashmir Rally


ये सरकार निराली है 
कश्मीर बेचने वाली है 

उठो जवानों मौका है 
रिपोर्ट नहीं ये धोखा है 

ये अन्दर की बात है 
चिदम्बरम पाक के साथ है 

जन-जन पूछे बार बार
किसके थे ये वार्ताकार \


जो बोलेगा पाक  की बोली 
वो खायेगा हिन्दुस्तानी गोली

गुपचुप समझोते मंजूर नहीं
काश्मीर है , नीर नहीं 

घाटी नहीं  POK  की बात करो
दुश्मन पाक से दो दो हाथ करो

बाब बर्फानी की हुंकार 
युवा शक्ति करे प्रहार 


आतंकी और फौजी में फर्क करो....
न देश को नरक करो ...


फाई के मेहमानों की 
नहीं चलेगी बेईमानो  की 

जो भारत को तोड़ेगा 
वो सिंहासन छोड़ेगा \


नेहरु की गलती पर  मनमोहन मुहर लगाएगा 
गद्दारों से हाथ मिला कर कश्मीर बेचकर खायेगा 

मसला कश्मीर घाटी का न है 
दुश्मन के कब्जे में गिलगित की माटी का है....

१९९० में घाटी से निकला हिन्दू तुमको दिखा नहीं...
बोलो वार्ताकारो दिल तुम्हारा दुखा नहीं 

कह दो सत्ता के गलियारों से 
श्रीनगर और दिल्ली की सरकारों से 
पूरा जम्मू कश्मीर हमारा है 
यही हमारा नारा है 

वार्ताकारो की बिछा बिसात 
मनमोहन कर गए देश विभाजन  की बात 

ये कैसी वार्ताकारो की बोली 
जैसे अलगाववादियों ने जुबान खोली....

दिलीप, राधा और अंसारी चूक गए
अपना ही घर फूंक गए 

भूल गए श्यामा के बलिदान को....
कैसे उतारोगे उस एहसान को ...

काश्मीर बेचने वालो शर्म करो....
कुछ तो अच्छे करम करो ...

ओमर, महबूबा , यासीन, मीरवाइज़, गिलानी और सज्जाद 2 जिलो से आते है...
मीडिया वाले भी 20  जिलो को बिलकुल  भूल जाते है

याचना नहीं अब रण होगा ...
गिलगित से कन्याकुमारी भारत एक गण  होगा

1994 के संसद के संकल्प को भूल गए
ऐसा करने से पहले क्यों न फ़ासी पर झूल गए


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