असम के कोकड़ाझार एवं आसपास के जिलों में बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों द्वारा वहां के मूल निवासी हिन्दू बोडो जनजातियों एवं अन्य जनसमुदाय के ऊपर भीषण अत्याचार किया गया है। विदेशी मुस्लिम घुसपैठियों द्वारा फैलाई गयी दंगे की आंच से सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है, लाखों लोग बेघर हो गये हैं। दंगाई ने गांव के गांव फूक दिये हैं, इसके कारण लाखों परिवार उजड़ गए हैं। वोटों के सौदागर राजनीतिक दलों के कृपापात्र अवैध बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के इस दुष्कृत्य के कारण हिन्दू बोडो को अपनी ही जन्मभूमि पर शरणार्थी बनकर रहना पड़ रहा है। प्राप्त सूचनाओं के अनुसार अब तक 125 लोगों की हत्या की गयी है, और 4 लाख से अधिक बोडो हिन्दू 142 शरणार्थी शिविरों में अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के द्वारा सरकार को बार-बार चेताने के तथा देश की अनेकों न्यायालयों द्वारा मुस्लिम बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर भेजने के निर्देश देने व सरकार के द्वारा स्वयं समय सीमा निश्चित किए जाने के बावजूद भी पिछले 50 साल में निहित राजनैतिक स्वार्थों के कारण सरकार के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया अपितु घुसपैठ को कानून के माध्यम से और अधिक प्रोत्साहित किया गया, इसका ही यह परिणाम है। विश्व हिन्दू परिषद इस घृणित कृत्य की निन्दा करती है।
शरणार्थी हिन्दू बोडो की चिन्ताजनक परिस्थिति में अपने दायित्व का निर्वाह करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने अनेक शरणार्थी शिविरों को गोद लिया है। शिविर में आये हुए प्रत्येक परिवार की न्यूनत्म आवश्यकताओं की पूर्ति परिषद द्वारा की जाएगी। परिषद समस्त देशवासियों से, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से, देश के वरिष्ठ पूज्य संतों से आग्रह करती है कि वे स्वयं एवं विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से शरणार्थियों का सहयोग करें।
जारीकर्ता
(प्रकाश शर्मा)
प्रवक्ता-विश्व हिन्दू परिषद
विश्व हिन्दू परिषद तथा अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के द्वारा सरकार को बार-बार चेताने के तथा देश की अनेकों न्यायालयों द्वारा मुस्लिम बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर भेजने के निर्देश देने व सरकार के द्वारा स्वयं समय सीमा निश्चित किए जाने के बावजूद भी पिछले 50 साल में निहित राजनैतिक स्वार्थों के कारण सरकार के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया अपितु घुसपैठ को कानून के माध्यम से और अधिक प्रोत्साहित किया गया, इसका ही यह परिणाम है। विश्व हिन्दू परिषद इस घृणित कृत्य की निन्दा करती है।
शरणार्थी हिन्दू बोडो की चिन्ताजनक परिस्थिति में अपने दायित्व का निर्वाह करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने अनेक शरणार्थी शिविरों को गोद लिया है। शिविर में आये हुए प्रत्येक परिवार की न्यूनत्म आवश्यकताओं की पूर्ति परिषद द्वारा की जाएगी। परिषद समस्त देशवासियों से, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से, देश के वरिष्ठ पूज्य संतों से आग्रह करती है कि वे स्वयं एवं विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से शरणार्थियों का सहयोग करें।
जारीकर्ता
(प्रकाश शर्मा)
प्रवक्ता-विश्व हिन्दू परिषद
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