‘गाडस
ओन कंट्री’ के नाम से विख्यात केरल अब ‘धर्मांतरण वाला राज्य’ के नाम से
प्रसिद्ध हो रहा है। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने भी स्विकार किया है
कि 2006 से लेकर अब तक राज्य में 2500 से अधिक लडकियों का इस्लाम में
धर्मांतरण हुआ है। परंतु उन्होंने इसके पीछे लव्ह जिहाद होने के बात को
नकारा है। साथ ही इन 6 वर्षों में कितने लोग ईसाई धर्म में धर्मांतरित हुए
इसके बारे में जानकारी देने से मुख्यमंत्री बचते दिखे।
सीपीआइ (एम) के विधायक केके लतिका के
प्रश्न को लिखित उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने ये जानकारी दी। मुख्यमंत्री
के अनुसार 2006 से 2012 तक राज्य में 7713 लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण
किया गया। उनमें 2009 से 2012 इस कालावधी में 2667 लडकियों का धर्मांतरण
हुआ जिसमें 2195 हिंदू और 492 ईसाई लडकियाँ थी। आश्चर्य की बात ये है कि
मुख्यमंत्री ने इन छह सालों में कितने लोग ईसाई धर्म में धर्मांतरित हुए
इसकी कोई जानकारी नही दी। 2009-12 इस कालावधी में 79 लडकियों का ईसाई धर्म
में और 2 लडकियों का हिंदू धर्म में धर्मांतरण हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि
ईसाई और हिंदू धर्म में धर्मांतरित हुई लडकियों के मूल धर्म के बारे में
कोई जानकारी नही मिल पाई है।
राज्य
में बढती धर्मांतरण की घटनाओं के बावजूद ओमेन चांडी ने लव्ह जिहाद के
संभावना को साफ़ नकार दिया। उन्होंने कहा राज्य में जबरण धर्मांतरण की कोई
घटना सामने नही आयी है इसलिये लव्ह जिहाद जैसी बाते बिल्कुल बेतुकी है।
विधायक लतिका ने जबरण धर्मांतरण की न्यायिक जांच करने की मांग की। उसे
प्रतिसाद देते हुए चांडी ने कहा, “ हम राज्य में जबरण धर्मांरतण को अनुमति
नही देंगे साथ ही लव्ह जिहाद के नाम पर मुस्लिमों के खिलाफ़ वैर अभियान भी
नही चलायेंगे।”
लव्ह जिहाद का मामला तब सामने आया जन
कोझिकोडे उच्च न्यायालय ने पुलिस को एक हिंदू लडकी के कथित अपहरण के मामले
में जांच के आदेश दिये। 20 साल की ये हिंदू लडकी एक मुस्लिम लडके के साथ
कथित तौर पर पलायन कर गयी। लडकी के माता पिता ने न्यायलय बंदी
प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर इसे लव्ह जिहाद का मामला बताया। एक दुसरे
मामले में पुलिस ने इस्लाम में धर्मांतरित हुई दिपा चेरिअन (31) नाम की एक
इसाई महिला को जेल में बंद एक संदिग्ध आतंकी को सिम कार्ड देने के आरोप में
गिरफ़्तार किया।
हिंदू और ईसाई संघटन राज्य में बढती लव्ह
जिहाद की घटनाओं की जांच करने की मांग करते आये है। लव्ह जिहाद एक ऐसी
संकल्पना है जिसमें मुस्लिम लडके गैर मुस्लिम लडकियों को प्यार का झांसा
देकर उनका धर्म परिवर्तन करते है।
केरल हिंदू महासभा के एक प्रमुख राहुल
ईश्वर ने लव्ह जिहाद की तात्कालिक जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया
कि राज्य पुलिस लव्ह जिहाद को छिपाने के प्रयास कर रही है। इससे धर्मिक
दंगे भडक सकते है। उन्होंने चेतावनी दी कि हिंदू कट्टरपंथीओं द्वारा अपनी
वैधता स्थापित करने के लिये मुस्लिमों द्वारा जबरन धर्मांतरण के मामलों का
हवाला दिया जायेगा।
ईश्वर ने कहा कि धर्मांतरण में ईसाई भी
पिछे नही है। उन्होंने कहा, “ एक बड़े ईसाई मत प्रचारक ने आधिकारिक रुप से
ये बात माने है की उन्हें विदेश से 1000 करोड़ से भी अधिक रुपयों का चंदा
मिला है। केरल में पेन्टाकोस्टल मिशन्स ने लालच देकर पिछले पांच सालो में
लाखों लोगों का धर्मपरिवर्तन किया है।
पुलिस सुत्रों के अनुसार, राज्य
धर्मांतरित ईसाई प्राधिकरण के अधिकृत आकड़ों के अनुसार पिछले बीस सालों में
करिब 15 लाख लोग ईसाई धर्म में धर्मांतरित हुई है। एक उच्च पुलिस अधिकारी
ने बताया कि हर चर्च में धर्मांतरण के कार्यक्रम होते है।
लव्ह
जिहाद (जिसे वैश्विक इस्लामिकरण की मुहिम भी कहा जाता है) की गंभीर समस्या
2009 में सामने सुर्खियों में आयी। 2009 में हिंदू संघटनों ने सबसे पहले
लव्ह जिहाद के विरोध में आवाज उठाई। श्रीराम सेना और हिंदू ऐक्यवेदेकी ने
आरोप लगाया कि मुस्लिम युवक हिंदू लडकियों को प्यार के जाल में फ़साके, उनका
धर्मपरिवर्तन करके देश के खिलाफ़ आतंकी साजिश में उन्हें मोहरा बना रहे है।
इसके बाद केरल उच्च न्यायलय ने इस मामले में जांच के आदेश दिये। परंतु एक
मामले में पुलिस ने उच्च न्यायालय से कहा कि लव्ह जिहाद जैसी कोई संस्था
राज्य में अस्तित्व में है ही नही। इसके बाद उच्च न्यायालय लव्ह जिहाद के
संबंध में न्यायिक जांच करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। 2009
में कर्नाटक पुलिस ने भी कर्नाटक उच्च न्यायलय को राज्य लव्ह जिहाद की कोई
संभावना नही होने की बात कही थी।
मुस्लिम संघटन लव्ह जिहाद को हमेशा से
नकारते आये है। मुस्लिम लीग ने इस बात को साफ़ नकारा कि मुस्लिम युवक गैर
मुस्लिम लडकियों को प्यार में फ़ंसाकर उनका धर्मांतरण कर रहे है। बल्कि
उन्होंने चर्च को बड़े पैमाने पर लोगों का धर्मांतरण करने के लिये फ़टकारा
है। मुस्लिम लीग के सचिव अब्दुरेहेमान रांदाथानी ने मुख्यमंत्री ओमेन चांडी
को निशाना बनाते हुए पुछा कि ओमेन चांडी जो खुद इसाई है, उन्होंने इसाई
धर्मांतरण के आकड़े क्यों नही स्पष्ट किये।
उन्होंने सवाल किया, “ जब कोई इस्लाम धर्म
अपनाता है तब इतना शोर क्यो होता है? अभियान के तहत हजारों लोगों का ईसाई
धर्म परिवर्तन होता है तब कोई कुछ क्यों बोलता नही?”
भारतीय जनता पार्टी और हिंदू ऐक्यवेदेकी
जैसी संघटनों ने लव्ह जिहाद के मामले में राज्य सरकार के उदासीन रवयै की
कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुस्लिम लीग के दबाव में आकर
राज्य सरकार इस गंभीर विषय में लापरवाही बरत रही है। हिंदू संघटनों ने इस
बात पर ध्यान खिंचा की राज्य में मुस्लिम जनसंख्या हिंदू और ईसाई से दोगुना
बढी है। केरल की जनसंख्या करिब 3.3 करोड़ है जिसमें 55% हिंदू, 25% मुस्लिम
और 19% इसाई है।
अब हिंदू संघटन लव्ह जिहाद के खिलाफ़ एकजूट
हुए है। विश्व हिंदू परिषद ने 2010 में शिवाजी हिंदू हेल्पलाईन
(9497545511) के नाम से एक हेल्पलाईन शुरु की। इस हेल्पलाईन के माध्यम से
लव्ह जिहाद के मामलों में सहायता दी जाती है। अब तक इस हेल्पलाईन पर 8000
से ज्यादा कॉल आये है।
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