Thursday, October 4, 2012

बौद्ध मंदिरों को सुरक्षा देने में नाकाम हसीना सरकार से जवाब-तलब



ढाका, प्रेट्र : बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने बौद्ध मंदिरों और घरों को आग लगाने के मामले में बुधवार को शेख हसीना सरकार से उसकी निष्कि्रयता पर सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। अदालत ने पूछा कि सरकार देश के अल्पसंख्यकों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं करा पाई। गृह सचिव और पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) को 17 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करना है। गौरतलब है कि फेसबुक पर एक बौद्ध द्वारा कथित तौर पर इस्लाम का अपमान करने वाला फोटो डालने के बाद शनिवार को चटगांव और रामू इलाके में दंगाइयों ने 11 बौद्ध मंदिर और 30 घर फूंक डाले थे। जस्टिस नाइमा हैदर और जस्टिस मोहम्मद खुर्शीद की पीठ ने बौद्ध मंदिर फूंके जाने पर चिंता जताते हुए कॉक्स बाजार और रामू इलाके के सभी मंदिरों, मस्जिदों और चर्च की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। पीठ ने सरकार से पूछा है कि क्यों न उसे हमले के पीडि़तों को मुआवजा देने के निर्देश दिए जाएं? अदालत ने यह आदेश दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया। इनमें से एक याचिका बौद्ध वकील और दूसरी मुस्लिम ने डाली थी। याचिका में कहा गया है कि हमलों को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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