Monday, March 21, 2011

200 ‘न्यूक्लियर निंजा’ कर रहे हैं रिएक्टरों को बचाने की कोशिश


टोक्यो.‘‘मेरे पापा परमाणु संयंत्र में गए हैं और मैंने अपनी मां को कभी भी इतना ज्यादा रोते हुए नहीं देखा। प्लीज पापा आप सकुशल लौट आओ।’’ - ये ट्वीट है एक जापानी लड़की का है, जिसके पिता फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट में जान जोखिम में डालकर रेडिएशन कम करने का काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्लांट में हो रहे रेडिएशन से देश और दुनिया को बचाने के लिए 200 संयंत्र कर्मी जान की परवाह किए बिना जुटे हैं और चार शिफ्ट में 50-50 की टीम में काम कर रहे हैं। 

उन्हें पता है कि वे एक आत्मघाती मिशन पर हैं और शायद ही सकुशल परिजनों से मिल सकें। अगर मिले भी तो बुरी तरह से रेडिएशन का शिकार होकर। इन बहादुर संयंत्र कर्मियों की टीम को ‘फुकुशिमा फिफ्टी’ और ‘न्यूक्लियर निंजा’ (परमाणु योद्धा) का नाम दिया गया है। इन शूरवीरों की ओर से अपने परिजनों और उनके परिजनों द्वारा भेजे गए संदेशों को जापान के राष्ट्रीय चैनल ने गुरुवार को प्रसारित किया।

देश की शान, अपनों का मान और लगा दी जान
प्लांट में इतना ज्यादा रेडिएशन है कि संयंत्र कर्मियों के एयरटाइट सूट उन्हें बचा नहीं पाएंगे। वे जल्द ही मारे जाएंगे या तो शेष जिंदगी बीमारी में बिताएंगे। संयंत्र से अपने 700 साथियों के भागने के बाद यहां जाने वाले कर्मचारियों ने चैनल को बताया कि उन्होंने बिना किसी डर के यह फैसला किया है। और भाव के प्लांट पर काम करने का फैसला लिया है। उनके लिए परिवार से बड़ा देश और उससे बड़ी दुनिया है। उन्होंने अपनी किस्मत के साथ समझौता कर लिया है।

संदेश ऐसे कि आंखें भर आएं अपनी आगे की जिंदगी अच्छे से जियो, मैं अभी कुछ दिन और घर नहीं आने वाला।

- रेडिएशन से बीमार पर संयंत्र में काम कर रहे कर्मचारी का मोबाइल संदेश।

मेरे पति तब तक फुकुशिमा में काम करते रहे, जब तक उन्हें ये पता नहीं चला कि वे बुरी तरह से रेडिएशन के शिकार हो गए हैं।

- एक महिला अपने पति के बारे में

मेरे 59 वर्षीय पिता ने प्लांट में काम करने का फैसला लिया है, जबकि वे ६-७महीनों में ही रिटायर होने वाले हैं। मैं 4-5 दिनों से रो रही हूं।

- एक लड़की अपने पिता के बारे में

मेरे पिता अभी भी प्लांट में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी किस्मत से समझौता कर लिया है, जो एक मौत की सजा के बराबर है।

-एक निंजा की बेटी ने टीवी चैनल को बताया।

 मरने वालों की तादाद 7,000 

जापान में 11 मार्च को आए सूनामी और भूकंप के बाद फुकुशिमा ऐटमी प्लांट में हुए विस्फोट के बाद विकिरण पर काबू पाने के लिए रिएक्टर 4, 5, 6 की इमारतों में तीन छेद किए हैं। इन रिएक्टरों में हाइड्रोजन गैस बन रही थी। उधर, जापान में मरने वालों की तादाद 7,000 से ऊपर पहुंच गई है। जापान सरकार के मुताबिक अब तक 18,000 लोग सूनामी और भूकंप के बाद या तो लापता हैं या फिर मारे गए हैं।
 
राष्ट्रीयता सीखनी चाहिए जापान से | जहाँ मृत्यु निश्चित है वहां भी राष्ट्र हित मैं कैसे कार्य किया जाता है |


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