लंदन.अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को आतंकवादी संगठन करार दिया है। अमेरिका का मानना है कि आईएसआई, अल-कायदा और तालिबान जितना ही खतरनाक संगठन है। अमेरिका द्वारा ग्वांतानामो बे में अफगानिस्तान और इराक से लाए गए बंदियों में अल-कायदा, हमास, हिजबुल्ला के आतंकियों के साथ आईएसआई के लोग भी शामिल थे।
लंदन के ‘दि गार्जियन’ अखबार ने एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इनमें से किसी भी संगठन से जुड़ा होना आतंकवादी या विद्रोही गतिविधियों का संकेत है।’ अफगानिस्तान में आईएसआई द्वारा तालिबान की मदद करने की जानकारी भी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को मिलती रही है, यह खुलासा भी इस रिपोर्ट में हुआ है।
आतंक संकेतक सूची में भी शामिल : आतंक संकेतक सूची ‘मैट्रिक्स’ में आईएसआई को 36 अन्य आतंकी संगठनों के साथ रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि यह सूची 2007 की है लेकिन आईएसआई को अभी भी इस सूची से नहीं हटाया गया।
बंदी बनाए गए आतंकियों ने की पुष्टि: ग्वांतानामो बे में 2007 में बंदी बनाकर भेजे गए आतंकी हारुन शिरजाद अल-अफगानी ने अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी है। उसने बताया कि 2006 में एक मीटिंग में उसके साथ पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। उसने यह भी बताया कि 2006 में ही आईएसआई अधिकारी ने एक आतंकी को अफगानिस्तान में हथियार पहुंचाने के लिए दस लाख रुपए दिए थे।
रिश्तों में पड़ सकती है दरार
आईएसआई को तालिबान का मददगार कहने पर पाकिस्तान में रोष की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और आईएसआई के बदहाल रिश्तों को और ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी।’
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